रामेश्वर उपाध्याय की पहचान सशक्त साहित्यकार, पत्रकार और रंगकर्मी की रही है। 1974 में जेपी की संपूर्ण क्रांति में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभायी। दो उपन्यास 'गृहयुद्ध' और 'नागतंत्र के बीच' की रचना की।उनकी कहानियाँ 'दुखवा में बीतल रतिया' में संकलित हैं। धर्मयुग, श्रीवर्षा, न्यूज़ट्रैक, नवभारत टाइम्स सरीखे पत्रिकाओं और अख़बारों में बेबाक पत्रकारिता की और भोजपुर न्यूज़ अख़बार निकाला। 19-10-97 को उनकी हत्या कर दी गई। इस ब्लॉग का मकसद, उनकी रचनाओं को जारी करना और उन्हें अपने बीच हमेशा ज़िदा रखना है।
19 Jan 2017
11 Jan 2017
बहुक्म-ए-वज़ीरे आज़म (BAHUKM-E-VAZEERE AZAM)- रामेश्वर उपाध्याय (RAMESHWAR UPADHYAY)-- कहानी संग्रह--2017
करीब 35 साल बाद एक बार फिर रामेश्वर उपाध्याय की कहानियों का संकलन---
बहुक्म-ए-वज़ीरे आज़म
लेखक-रामेश्वर उपाध्याय
विश्व पुस्तक मेला, प्रगति मैदान, दिल्ली
साहित्य उपक्रम एवं अनुज्ञा प्रकाशन
हॉल नंबर 12 A
स्टॉल नंबर 227-228-229
साहित्य उपक्रम एवं अनुज्ञा प्रकाशन
हॉल नंबर 12 A
स्टॉल नंबर 227-228-229
#BAHUKM-E-VAZEERE AZAM# RAMESHWAR UPADHYAY
बहुक्म-ए-वज़ीरे आज़म --- रामेश्वर उपाध्याय की कहानियों का संकलन
बहुक्म-ए-वज़ीरे आज़म--रामेश्वर उपाध्याय--2017 |
BAHUKM-E-VAZEERE AZAM- RAMESHWAR UPADHYAY |
बहुक्म-ए-वज़ीरे आज़म -रामेश्वर उपाध्याय-- 2017 |
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